22 Feb 2021 | 5 min read
भारतीय परिवार में जब भी बेटियाँ जन्म लेती है, तो उन्हें देवी लक्ष्मी के समान माना जाता है, मगर इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी संग आ जाती हैं जैसे कि उनकी बेहतर देखभाल, बेहतर शिक्षा, उनका विवाह, आदि। इन सभी के लिए बहुतायत धन की आवश्यकता होती है, और और इसी को मद्देनज़र रखते हुए, भारत सरकार ने एक बेहतरीन योजना बेटियों के लिए समर्पित की है, जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना।
इस ब्लॉग में, आप सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में पूर्ण रूप से जानेंगे, इसकी परिभाषा से लेकर इसकी आवेदन प्रक्रिया तक। तो बिना समय गवाएं, आइये शुरू करते हैं!
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) बेटियों और उनकी वित्तीय जरूरतों के लिए भारत सरकार द्वारा समर्थित एक जमा योजना है। इसे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था। यह धारा 80C के तहत आयकर लाभ के साथ आती है। साथ ही रिटर्नस टैक्स फ्री होते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाता बेटी के जन्म के बाद से उसकी 10 वर्ष की आयु के बीच में कभी भी खोला जा सकता है, जहां आपको न्यूनतम 250 रुपये जमा करने होंगे। एक चालू वित्त वर्ष के दौरान न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा कराये जा सकते हैं।
यह खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष तक या बेटी के 18 वर्ष की होने के बाद उसकी शादी तक चालु रहेगा। बेटी की उच्च शिक्षा के खर्च की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, पूरी राशि के 50% की निकासी की अनुमति दी जाती है, बशर्ते वह 18 वर्ष की हो गयी हो।
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत आप एक बेटी के नाम से एक खाता ही खोल और संचालित कर सकते हैं। आप एक बेटी के लिए दो सुकन्या समृद्धि खाते नहीं खोल सकते।
जिसके बेटी के नाम पर खाता खोलना है उस बेटी का जन्म प्रमाण-पत्र, अभिभावक द्वारा पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपने पहचान और निवास प्रमाण से संबंधित अन्य दस्तावेजों के साथ जमा किया जाना चाहिए।
आपको एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा करने होंगे, लेकिन खाते में जमा कुल धनराशि 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है।
खाते में राशि खाते के खुलने की तारीख से 15 साल पूरे होने तक जमा किए जा सकते हैं। अगर एक लड़की 9 साल की उम्र की है, तो जमा करने की प्रक्रिया 24 साल तक जारी रहेगी। 24 और 30 की उम्र (जब खाता परिपक्व होता है) के बीच, खाता जमा राशि पर ब्याज अर्जित करता रहता है।
अगर आप न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं, तो आपको प्रति वर्ष न्यूनतम निर्दिष्ट सदस्यता के साथ-साथ 50 रुपये के दंड का भुगतान करना होता है। यदि आप जुर्माने का भुगतान नहीं करते हैं, तो डिफ़ॉल्ट की तारीख से पहले तक किए गए जमा राशि सहित पूरी जमा राशि, आपके बचत बैंक के खाता दर पर ब्याज प्राप्त करेगी। यदि अतिरिक्त ब्याज का भुगतान किया जाता है, तो उसे लौटा दिया जायेगा।
भारत सरकार सरकारी प्रतिभूतियों (G-sec) की पैदावार के आधार पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर तय करती है।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) को छूट-छूट-छूट (EEE) का दर्जा प्राप्त है। वार्षिक जमा राशि धारा 80C के अंतर्गत कर लाभ के लिए योग्य है और परिपक्वता लाभ गैर-कर योग्य हैं।
जब तक बेटी 10 वर्ष की नहीं हो जाती तब तक उसके प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक इसे संचालित करते हैं। जैसे ही बेटी 10 वर्ष की हो जाती है, बेटी की इच्छानुसार वह अपने SSY अकाउंट को संचालित कर सकती है, फिर भी, खाते में जमा राशि का भुगतान अभिभावक या किसी अन्य आधिकारिक व्यक्ति द्वारा ही होगा।
खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में, मृत्यु प्रमाण पत्र के आने पर खाता तुरंत बंद कर दिया जाएगा। खाते की जमाराशि, खाताधारक की मृत्यु के महीने के पहले महीने तक उसके अभिभावक को ब्याज सहित दे दिए जायेंगे।
किसी अन्य मामले में, SSY खाते को समय से पहले बंद करने का अनुरोध खाता खोलने के न्यूनतम 5 साल पूरा होने के बाद किया जा सकता है। यह भी, नियमों के अनुसार, जैसे खाताधारक के किसी खतरनाक बीमारी में चिकित्सा सहायता के लिए। फिर भी, यदि खाते को किसी अन्य कारण से बंद करना पड़ता है, तो उसे अनुमति दी जाएगी, लेकिन पूरी जमा राशि पर केवल बचत बैंक खाते जितना ही ब्याज मिलेगा।
खाता भारत में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है यदि वह खाताधारक लड़की किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट हुई हो।
इसे ट्रांसफर करने के लिए कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होती है, केवल माता-पिता / अभिभावक या खाताधारक के नए निवास स्थान का प्रमाण उपलब्ध कराना होता है। यदि ऐसा कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो आवेदक को पोस्ट ऑफिस या जिस बैंक में ट्रांसफर के लिए अनुरोध किया जाता है, उसमें 100 रुपये का भुगतान करना होगा।
उच्च शिक्षा और विवाह के उद्देश्य से खाताधारक की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक खाते में मौजूद राशि का 50% तक की निकासी की अनुमति है। हालांकि, खाताधारक के 18 वर्ष का होने पर ही निकासी की अनुमति दी जाएगी।
इसके लिए, न केवल एक लिखित आवेदन देना होगा, बल्कि एक शैक्षिक संस्थान से एक निश्चित प्रवेश की जानकारी सहित एक दस्तावेजी प्रमाण देना होगा या या ऐसी संस्था से शुल्क पर्ची देनी होगी जो यह स्पष्ट करती हो कि ऐसी वित्तीय आवश्यकता की आवश्यकता है। इसके अलावा, निकासी राशि केवल उतनी ही होगी जितनी प्रस्तुत किये गए दस्तावेज़ में उल्लेखित है।
अगर आप अपनी बेटी के भविष्य को संजोना चाहते हैं, तो सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' अभियान के एक भाग के रूप में शुरू की गई बेटियों के लिए एक छोटी जमा योजना है। वर्तमान में यह 8.1% का ब्याज प्रदान करती है और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत आयकर लाभ प्रदान करता है। यहां तक कि रिटर्न स्कीम में टैक्स फ्री है।
ज्यादा और बेहतर जानकारी के लिए आप सुकन्या समृद्धि योजना हेल्पलाइन नंबर (1800110001 ओर 18001801111) के द्वारा ग्राहक सहायता सहयोगी से भी जुड़ सकते हैं।
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